CONSTRUCTION OF X RAY FILM
CONSTRUCTION OF X RAY FILM
X-RAY FILM CONSTRUCTION
X-ray फिल्म फोटोग्राफिक फिल्म होती है जिसमें photographically active या radiation sensitive emulsion होता है जो कि साधारणतया है एक ट्रांसपेरेंट प्लास्टिक शीट जिसे base कहते हैं के दोनों साइड में कोट किया होता है | फिल्म बेस को इमल्शन से एक एडहेसिव लेयर की सहायता से अच्छे से जोड़ दिया जाता है तथा इमल्शन को मैकेनिकल डैमेज से बचाने के लिए इस पर एक कोटिंग की जाती है जिसे सुपर कोटिंग कहते है |
Film Base
फिल्म बेस का एकमात्र कार्य भंगुर (fragile) फोटोग्राफिक इमल्शन को सपोर्ट प्रदान करना है एक फिल्म बेस में निम्न तीन विशेषताएं होनी चाहिए
- इसके द्वारा कोई विजिबल पैटर्न उत्पन्न नहीं होना चाहिए अथार्थ इसके द्वारा बहुत ज्यादा लाइटअब्जॉर्ब नहीं होनी चाहिए अथार्थ जब रेडियोग्राफ को देखा जाता है तो बहुत ज्यादा लाइट अब्जॉर्ब नहीं होनी चाहिए |
- इसकी flexibility, thickness तथा strength ऐसी होनी चाहिए की फिल्म को develop करने में आसानी हो |
- बेस डाइमेंशनल स्टेबल होना चाहिए ताकि फिल्म को डिवेलप करने के दौरान तथा उसको स्टोर करने के दौरान इसकी साइज तथा शेप परिवर्तित नहीं होनी चाहिए |
ओरिजिनल एक्सरे प्लेट में ग्लास की प्लेट होती थी जिसके एक साइड में इमल्शन का लेप किया होता था | फर्स्ट वर्ल्ड वॉर के शुरुआत में बेल्जियम ने जब फोटोग्राफिक ग्लास की सप्लाई को बंद कर दिया तो एक लेस फ्रेगाइल एक्स-रे फिल्म बेस की मांग उठने लगी | 1914 में cellulose nitrate को फोटोग्राफिक फिल्म में बेस की तरह उपयोग में लिया जाता था | सेल्यूलोज नाइट्रेट ज्वलनशील पदार्थ होता है अतः 1924 में cellulose triacetate ( सेलुलोज ट्राइएसीटेट) बेस को डेवेलप किया गया | 1960 में सबसे पहला polyester base की बनी मेडिकल रेडियोग्राफिक फिल्म इंट्रोड्यूस की गई | पॉलिएस्टर बेस में dimensional stability ( डाइमेंशनल स्टेबिलिटी) बहुत ज्यादा होती है | सेलुलोज ट्राइएसीटेट तथा पोलिस्टर बेस कलर लेस होते थे | अतः 1933 में सबसे पहले x-ray फिल्म बेस में blue tine (ब्लू टिंट) दिया गया | जिससे इन्हें देखने में आसानी होती है तथा आई स्ट्रेन कम होता है | आजकल अक्सर फिल्म ब्लू टिंटेड होती है यह dye फिल्म बेस या इमल्शन में डाली जाती है | cellulose triacetate base की थिकनेस पॉइंट 8 माइल्स होती है ( 0.01mil = 1in.) | जबकि पॉलिएस्टर बेस की थिकनेस 7 माइल होती है |
Adhesive
फोटोग्राफिक इमल्शन को फिल्म बेस पर सीधे ही नहीं लगाया जाता है इसके लिए इनके बीच में एक एडहेसिव पदार्थ लगाया जाता है जो इन दोनों को आपस में जोड़ने का काम करता है |
Emulsion
एक्सरे फिल्म इमल्शन के दो महत्वपूर्ण भाग जिलेटिन तथा सिल्वर हैलाइड होते हैं | अधिकांश एक्सरे फिल्म इंटेंसिफाइंग स्क्रीन के साथ काम करने के लिए बनी होती है तथा इनके दोनों साइड में इमल्शन की कोटिंग की जाती है | इमल्शन थिकनेस फिल्म टाइप के अनुसार परिवर्तित होता रहता है लेकिन यह 0.5 माइल से कभी भी ज्यादा नहीं होता क्योंकि इसे ज्यादा होने पर लाइट डीप लेयर को भेद (penitration) नहीं कर पाती है |
Gelatin
फोटोग्राफिक जिलेटिन को bones के द्वारा बनाया जाता है तथा यह अधिकतर केटल बोंस के द्वारा इंडिया तथा अर्जेंटीना में बनाया जाता है | दूसरे सस्पेंशन मीडियम की बजाय जिलेटिन को लेने के बहुत से कारण है-
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- यह सिल्वर हैलाइड ग्रेन को फैलाए हुए रखता है तथा यह सिल्वर हैलाइड ग्रेन के एकत्रीकरण (clumping) को रोकता है |
- प्रोसेसिंग सॉल्यूशन जैसे डेवलपिंग एंड फिक्सिंग सॉल्यूशन जिलेटिन को इसकी स्ट्रैंथ को बिना खराब किए हुए आसानी से भेद सकते हैं |
- जिलेटिन बहुत अधिक मात्रा में और एक समान क्वालिटी में पाया जा सकता है |
Silver Halide
सिल्वर हैलाइड एक्सरे फिल्म में लाइट सेंसिटिव केमिकल होता है | X-ray फिल्म में 90 से 99% सिल्वर ब्रोमाइड(KBr) होता है तथा 1 से 10 % तक सिल्वर आयोडाइड (AgI) होता है | सिल्वर आयोडाइड को मिलाने से AgBr इमल्शन की सेंसिटिविटी बढ़ जाती है | यह सिल्वर आयोडो ब्रोमाइड क्रिस्टल्स जिलेटिन में अवकक्षेपित (pricipitated) तथा emulsified हो होते हैं जिसके लिए उच्च स्तर की कंसंट्रेशन तथा टेंपरेचर की आवश्यकता होती है |
Super Coating
इमल्शन लेयर को जिलेटिन की एक पतली लेयर से कवर किया जाता है जिसे सुपर कोटिंग कहते हैं | यह इमल्शन कोमैकेनिकल डैमेज से बचती है | इसलिए अर्कोइसको anti abrasive coating भी कहते हैं | इसमें कुछ ऐसे सब्सटांस मिलाए जाते हैं जो फिलम सरफेस को स्मूथ तथा स्लीक बनाते है |
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