CHARACTERISTICH CURVE OR H and D CURVE
CHARACTERISTICH CURVE OR H and D CURVE
रेडिएशन एक्सपोज़र तथा डेंसिटी के मध्य खींचे गए कर्व को Characteristic curve या H. & D. Curve कहते है | यह नाम F. Hurter तथा V. C. Driffield के नाम पर दिया गया | इन्होने सबसे पहले इंग्लैंड में सन 1890 में प्रकाशित करवाया | इस कर्व में film density को वर्टीकल एक्सिस (X-axis) तथा film exposure को हॉरिजॉन्टल एक्सिस (Y-axis) पर लेकर खींचा गया | इस कर्व का आकार (shape) तथा उसकी ग्राफ पेपर पर स्थिति (location) महत्वपूर्ण होती है |
कैरेक्टरिस्टिक कर्व को एक फिल्म पर एक सीरीज के रूप में कई एक्सपोज़र लेकर उन फिल्म को डेवेलोप करके तथा फिल्म की डेंसिटी व ज्ञात फिल्म एक्सपोज़र के मध्य ग्राफ खींचकर बनाये जाते है |
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फिल्म एक्सपोज़र से मतलब एक्सपोज़र की तीव्रता (milliamperes of X-ray tube) तथा एक्सपोज़र टाइम (second) के गुणनफल से होता है | एक्सपोज़र को milliampere-seconds(mAs) से प्रदर्शित किया जाता है | एक्सरे फिल्म के अलग अलग एरिया पर kilovoltage तथा miliamperage को नियत (constant) रखते हुए एक्सपोज़र टाइम को परिवर्तित करते हुए कैरेक्टरिस्टिक कर्व उत्पन्न कर सकते है | इस अवस्था में kV तथा mAs नियत होने से जैसे ही एक्सपोज़र टाइम को डबल करते है तो mAs भी डबल हो जाता है | यहाँ एक्सपोज़र को relative exposure के रूप में रिकॉर्ड किया जाता है | रिलेटिव एक्सपोज़र से मतलब है हर अगला एक्सपोज़र दुगना होता जाता है जैसे ऊपर दिए फिगर केअनुसार एक फिल्म अंडर एक्सपोज्ड है तो इसकी एवरेज डेंसिटी 0.35 व रिलेटिव एक्सपोज़र 4 है, अगर एक्सपोज़र को डबल (8) कर दिया जाये तो रिलेटिव एक्सपोज़र भी 8 हो जायेगा, इस समय यह अनुमान लगाया जा सकता है की डेंसिटी भी 0.8 हो जाएगी |
एक्सपोज़र को रिलेटिव एक्सपोज़र के logaritm के रूप में भी प्रदर्शित किया जा सकता है | जिसे log relative exposure के रूप में प्रदर्शित किया जाता है | इसे logaritm के रूप में प्रदर्शित करने के दो कारण है |
1. logaritm scale के उपयोग से बहुत बड़ी एक्सपोज़र रेंज को एक छोटे ग्राफ पर प्रदर्शित किया जा सकता है |
2. Log relative exposure के उपयोग से कर्व का विश्लेषण आसान हो जाता है |
दो एक्सपोज़र जिनका अनुपात समान है कर्व पर सामान दुरी पर स्थित होते है | लोग रिलेटिव एक्सपोज़र में 0.3 की वृद्धि दुगुने रेफ़लातिवे एक्सपोज़र को बताती है क्योकि log2 = 0.3 होता है |
किसी फिल्म का कैरेक्टरिस्टिक कर्व उसके contrast, स्पीड (sensitivity) तथा latitude को बताता है | जीरो (0) एक्सपोज़र के समय भी कर्व में डेंसिटी जीरो नहीं होती है तथा यह लगभग ०.2 या इससे कम होती है | यह डेंसिटी Fog तथा base density कहलाती है | अतः किसी एक्सपोज्ड फिल्म की कुल डेंसिटी में फोग तथा बेस डेंसिटी शामिल होती है |
कर्व के लौ डेंसिटी एरिया (toe) तथा हाई डेंसिटी एरिया (shoulder) में लोग रिलेटिव एक्सपोज़र में बहुत ज्यादा परिवर्तन होने पर भी डेंसिटी में कम परिवर्तन होता है | C. C. Curve के shoulder तथा toe के बीच का भाग महत्वपूर्ण होता है तथा यह लगभग एक सीधी रेखा होता है | इस सीधी रेखा पर डेंसिटी, लोग रिलेटिव एक्सपोज़र के लगभग समानुपाती होता है |
कर्व के लौ डेंसिटी एरिया (toe) तथा हाई डेंसिटी एरिया (shoulder) में लोग रिलेटिव एक्सपोज़र में बहुत ज्यादा परिवर्तन होने पर भी डेंसिटी में कम परिवर्तन होता है | C. C. Curve के shoulder तथा toe के बीच का भाग महत्वपूर्ण होता है तथा यह लगभग एक सीधी रेखा होता है | इस सीधी रेखा पर डेंसिटी, लोग रिलेटिव एक्सपोज़र के लगभग समानुपाती होता है |
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