X RAY TUBE CONSTRUCTION
X RAY TUBE CONSTRUCTION
एक्सरे ट्यूब के निम्न भाग होते हैं
ट्यूब आवरण (Tube Envelope)
एक्स-रे ट्यूब मे एनोड तथा कैथोड एक एयर टाइट (air tight ) एनवलप में बंद रहते हैं इस एनवलप तथा इसके अन्दर के भाग सम्मिलित रूप से ट्यूब इन्सर्ट (Tube Insert ) कहलाते हैं |अधिकांश एक्सरे ट्यूब में यह एनवलप पायरेक्स ग्लास (Pyrex Glass) का बना होता हैं लेकिन कुछ आधुनिक एक्सरे ट्यूब में यह मेटल या सिरेमिक का भी बना होता हैं | एक्सरे ट्यूब एनवलप के कार्य-
(i) यह एनोड व कैथोड को इंसुलेशन (Insulation ) व सपोर्ट (Support) प्रदान करता हैं |
(ii) यह एक्सरे ट्यूब में निर्वात (Vacuum) बनाये रखता हैं |
कैथोड (Cathode )
कैथोड एक्सरे ट्यूब का ऋणात्मक टर्मिनल होता हैं | इसके निम्न भाग होते है -- Connecting wire
- Filament
- Focusing cup
Connecting Wire
यह फिलामेंट को voltage (लगभग 10V) तथा amperage (3 to 10A) प्रदान करता करता है | X-ray tube operation के दौरान glass तथा wire दोनों high temperature तक गर्म होते है | Glass wall तथा connecting wire दोनों के प्रसार गुणांक (expension cofficient) अलग अलग होते है | जिस कारण दोनों अलग अलग दर से फैलते है, अतः glass-wire seal के break होने की संभावना अधिक होती है | इस glass-wire seal को break होने से रोकने के लिए connecting wire को ऐसे metal का बनाया जाता है जिसका प्रसार गुणांक (expension cofficient), pyrex glass के समान हो |
Filament
यह X-ray tube के लिए इलेक्ट्रान का स्त्रोत होता है | Filament टंगस्टन धातु का बना होता हैं | यह एक तार के रूप में होता हैं जिसका व्यास लगभग 0.2 mm होता हैं | यह 0.2 cm की कुंडली के रूप में लपेटा हुआ होता हैं जिसे फिलामेंट (कैथोड ) कहते हैं | Filament की लम्बाई 1cm या इस से कम होती है |
फिलामेंट की आयु व क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें थोडा सा थोरियम मिलाया जाता हैं| इसे एक फोक्सिंग कप (Focusing Cup ) घेरे रहता हैं | फिलामेंट में 10 V का विभवान्तर व 3-6 Amp की धारा प्रवाहित की जाती हैं, जिससे इलेक्ट्रान के प्रवाह में प्रतिरोध के कारण फिलामेंट गर्म होता हैं तथा तापीय उत्सर्जन (Thermionic Emission ) प्रभाव के कारण इलेक्ट्रान का उत्सर्जन होता हैं | इलेक्ट्रान का उत्सर्जन ताप पर निर्भर करता हैं तथा एक्सरे ट्यूब से उत्सर्जित एक्सरे फोटोन की संख्या कैथोड से उत्सर्जित इलेक्ट्रान की संख्या के समानुपाती होती हैं |
STATIONARY ANODE X RAY TUBE CATHODE ASSEMBLEY |
फिलामेंट की आयु व क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें थोडा सा थोरियम मिलाया जाता हैं| इसे एक फोक्सिंग कप (Focusing Cup ) घेरे रहता हैं | फिलामेंट में 10 V का विभवान्तर व 3-6 Amp की धारा प्रवाहित की जाती हैं, जिससे इलेक्ट्रान के प्रवाह में प्रतिरोध के कारण फिलामेंट गर्म होता हैं तथा तापीय उत्सर्जन (Thermionic Emission ) प्रभाव के कारण इलेक्ट्रान का उत्सर्जन होता हैं | इलेक्ट्रान का उत्सर्जन ताप पर निर्भर करता हैं तथा एक्सरे ट्यूब से उत्सर्जित एक्सरे फोटोन की संख्या कैथोड से उत्सर्जित इलेक्ट्रान की संख्या के समानुपाती होती हैं |
सामान्यतः एक्सरे ट्यूब में दो फिलामेंट होते हैं जो फोक्सिंग कप में side by side या क्षैतिज लगे होते हैं | ये स्माल फोकल स्पॉट व लार्ज फोकल स्पॉट फिलामेंट कहलाते हैं |
(a) स्माल फोकल स्पॉट- यह उन रेडियोग्राफिक प्रोजेक्शन में कम आता हैं जिनमे बहुत ज्यादा डिटेल की आवश्यकता हो जैसे - Chest Xray, Abdomen Xray |
(b) लार्ज फोकल स्पॉट - जिन बॉडी एनाटोमी रेडियोग्राफ मेंज्यादा डिटेल की आवश्यकता नहीं होती वहा किये जाते हैं जैसे- Upper and Lower Extrimities | kuchh आधुनिक एंजियोग्राफी मशीन में तीन फिलामेंट भी होते हैं | कैथोड को हाई वोल्टेज के ऋणात्मक भाग से जोड़ा जाता हैं |Focusing Cup
Cathode से anode की और जाने वाली इलेक्ट्रान स्ट्रीम का electron-electron mutual repulsion के कारन प्रसार होता है | जिससे यह एनोड पर एक बहुत बड़े क्षेत्र पर आकर गिरती है | Electron stream के इस प्रसार को रोकने के लिए filament के चारो और फोकसिंग कप लगाया जाता है | यह फिलामेंट को चारो और से घेरे रहता है | फोकसिंग कप को फिलामेंट जितने ही ऋणात्मक विभव पर रखा जाता है | Focusing cup, electron stream पर एक electrical force लगाता है, जिससे उसे आवश्यक size तथा shape में फोकस किया जा सकता है |
Anode
यह X-ray tube का positive terminal होता है | X-ray tube का एनोड 2 प्रकार का होता है -
- Stationary anode
- Rotating anode
Stationary anode X-ray Tube
Stationary anode X-ray Tube में एक छोटी 2 से 3 mm मोटी टंगस्टन की प्लेट होती है, जो की कॉपर के एक बड़े ब्लॉक में धसी होती है | इस टंगस्टन प्लेट की विमा square या rectangle shape की होती है, तथा प्रत्येक विमा 1 cm या उस से अधिक होती है | एनोड एंगल 15 - 20° का होता है |
अच्छी thermal characteristics होने के बाद भी टंगस्टन बार बार होने वाले एक्सपोज़र (repeated exposure) से उत्पन्न ऊर्जा को dissipiate नहीं कर पाता है | कॉपर, टंगस्टन के बजाय ज्यादा अच्छा ऊष्मा का चालक (heat conductor) होता है | अतः इस कारण टंगस्टन की एक छोटी प्लेट को एक बड़े कॉपर के धँसा (embedded) दिया जाता है, जिससे एनोड की thermal capacity व इसकी rate of cooling बढ़ जाती है | X-ray production के दौरान कॉपर तथा टंगस्टन दोनों गर्म होके अलग अलग दर से फलते है | अतः कॉपर तथा टंगस्टन के मध्य जोड़ को मजबूत रखा जाता है, वरना टंगस्टन टारगेट कॉपर ब्लॉक से निकल कर बहार गिर सकता है |
Rotating anode X-ray Tube
X-ray production के दौरान large exposure से उत्पन्न ऊष्मा ऊर्जा को सहन करने की क्षमता को बढ़ाने के लिए rotating anode principle का उपयोग किया जाता है | Rotating anode X-ray tube का anode, tungsten या tungsten alloy की एक बड़ी डिस्क का बना होता है | सैद्धांतिक रूप से एक्सपोज़र के दौरान यह डिस्क 3600rpm पर घूमती है | लेकिन mechanical fraction के कारण एनोड कभी भी इतनी उच्च गति नहीं प्राप्त कर पाता है, यह केवल 3000rpm तक ही पहुंच पाता है | टंगस्टन डिस्क का किनारा कुछ कोण पर झुका (beveled edge) हुआ होता है | एनोड एंगल 6-20° के मध्य होता है | डिस्क का किनारा line focus principle का फायदा लेने के लिए झुकाया जाता है |
Rotating anode बनाए का मुख्य उदेश्य एक्सपोज़र के दौरान उत्पन्न ऊष्मा को एनोड डिस्क के किनारो के बड़े क्षेत्र पर फ़ैलाने का होता है |
एनोड, stator coil के द्वारा उत्पन्न मैग्नेटिक फील्ड के द्वारा घूमता है | यह स्टाटर कोइल एक्सरे ट्यूब के neck के चारो और glass envelope के बाहर लिपटी होती है | इस से उतपन्न मैग्नेटिक फील्ड इंडक्शन मोटर के कॉपर रोटर में एक धारा प्रेरित करता है | यह प्रेरित धारा एनोड को घूमने के लिए पावर प्रदान करती है | एनोड को आसानी से घूमने के लिए ball bearings का उपयोग किया जाता है | आसानी से घूमने के लिए इन बियरिंग्स को लुब्रिकेट किया जाता है |
- Oil lubricate - would vaporize and destroy the vacuum
- Dry lubricate (graphite) - Would wear off as a powder and destroy the vacuum
- Metallic lubricate (silver metal) - used in high vacuum.
X-ray production के दौरान उत्पन्न उच्च ऊष्मा के कारण बिअरिंग फ़ैल कर जाम हो सकते है | इसके लिए ऊष्मा एनोड डिस्क से बिअरिंग तक न पहुंचे इसके लिए rotating anode का stem मोलीब्डेनम (Mo) का बनाया जाता है | Mo का गलनांक बिंदु उच्च (2600 ℃) होता है तथा यहाँ एक poor heat conductor material होता है | यह Mo stem टंगस्टन डिस्क तथा बेअरिंग के मध्य एकऊष्मा अवरोध की तरह कार्य करता है |
जड़त्व को कम करने के लिए इस एनोड स्टेम को जितना हो सके उतना छोटा काम में लिया जाता है | इस जड़त्व के कारण बल लगाने तथा एनोड डिस्क को अपने पूरी गति से घूमने में एक छोटा सा समयांतराल (short delay of time) होता है | यह समयांतराल लगभग 0.5 से 1 sec के मध्य होता है | रोटर को पूरी गति से घूमने से पहले एक्सपोज़र को रोकने के लिए एक सेफ्टी सर्किट का उपयोग किया जाता है | यह सर्किट तब तक एक्सपोज़र नहीं होने देता है जब तक rotar अपनी full speed पर ना घूमने लग जाये |
X-ray tube की life, roughening and pitting के कारण कम होती है | इसके लिए एक मिश्र धातु काम में ली जाती है जिसमे 90% टंगस्टन तथा 10% rhenium (Re) धातु होती है | यह मिश्र धातु एनोड सतह को roughening and pitting के प्रति और ज्यादा प्रतिरोधी बनती है |
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