Pelvis & Both Hip AP Projection
Pelvis & Both Hip AP Projection
AP- pelvis and both hips projection
Pelvic bones तथा hip joint को देखने के लिए सामान्यतः antero-posterior projection को सर्वप्रथम प्रयोग किया जाता हैं। दोनों hip तथा pelvis के लिए patient की position बिल्कुल समान होती हैं लेकिन beam का centre अलग होता हैं । hip joints तथा upper femoral के लिए centre अधिक नीचे रखते है उदाहरणार्थ :- trauma cases में ।
AP Image दोनों hips की तुलना के लिए भी सक्षम होता है ।
Position of patient and cassette
Patient को x-ray table पर supine सुलाते है साथ ही msp को tabletop के लंबवत रखते है। patient की midline का centred primary beam तथा table Bucky mechanism के बीच मेल खाना चाहिए। pelvic rotation से बचने के लिए anterior iliac spines को tabletop से equidistant पर रखते है । pelvic level को बनाने के लिए एक non-opaque pad को buttock ( कूल्हे ) के नीचे रखते है। patient का coronal plane tabletop के समांतर रहना चाहिए। femoral necks को cassette के समांतर लाने के लिए पैरो को थोड़ा abduct करके internally rotate किया जाता है। patient की position को maintain करने के लिए sandbags तथा pads को ankle region के न
Direction and centring of x-ray beam
Vertical central beam को midline के बीच मे देते हैं। cassette के centre को symphysis pubis के upper border तथा anterior superior iliac spine के बीचोबीच रखते है। cassette का upper edge , iliac crest के upper border से 5cm ऊपर होना चाहिए तथा सुनिश्चित करते है कि सम्पूर्ण bony pelvis dikhai de.
Essential image characteristics
इस projection में both hips , both trochanters तथा upper third femora image में दिखाई देने चाहिए ।
No rotation :- iliac bones की size एकसमान होनी चाहिए तथा obturator formina की भी size and shape समान होनी चाहिए।
Comments
Post a Comment