INSULATOR
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कुचालक या विधुतरोधी वो पदार्थ हैं जो विधुत धारा का अपने भीतर से प्रवाह का विरोध करते हैं | इनसे बहुत कम विधुत धारा प्रवाहित होती हैं |
इनकी कंडक्टिविटी (चालकता) कम होती हैं तथा रेसिस्टिविटी (प्रतिरोधकता) उच्च होती हैं | अतः इनकी प्रकृति चालक के विपरीत होती हैं | कुचालक पदार्थ के एटम में इलेक्ट्रान बहुत ही मजबूती से बंधे होते हैं इसलिए ये एक जगह से दूसरी जगह गति नहीं कर सकते हैं | इस स्थिति में कोई करंट इस कुचालक पदार्थ से नहीं जा सकता हैं | कुचालक का यह गुण प्रतिरोध कहलाता जो अपने भीतर से गुजरने वाली धारा को बहुत ही कम कर देता हैं | प्रतिरोध का मापन ओम में किया जाता हैं | वह चालक जिसका प्रतिरोध शून्य हो सुपरकंडक्टर कहलाता हैं | इनको चालक तार के ऊपर लेप करके चालक को कुचालक बनाया जाता हैं |
कुचालक के प्रकार-
कांच का गिलास कुचालक का सबसे अच्छा उदाहरण हैं | प्लास्टिक भी कुचालक होता हैं तथा इस से बहुत सारी कुचालक चीजे बनायीं जाती हैं | रबर के द्वारा टायर, वाटर रेसिस्टेंट क्लोथ्स आदि बनाये जाते हैं ये भी एक इंसुलेटर होता हैं | सुखी लकड़ी, बैकेलाइट, एस्बेस्टॉस, चीनी मिटटी, कागज, पीवीसी आदि कुचालको के उदाहरण हैं |
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