CONDUCTOR
CONDUCTOR
विधुत चालक वे पदार्थ होते हैं जिनसे होकर विधुत धारा सरलता से प्रवाहित होती हैं | तांबा (Cu), एल्युमीनियम (Al), जस्ता, सोना(Ag) तथा चांदी (Ag) विधुत चालक हैं | विधुत चालक पदार्थ में बहुत अधिक मात्रा में मुक्त इलेक्ट्रान पाए जाते हैं | विधुत ऊर्जा द्वारा चलने वाले प्रत्येक उपकरण का निर्माण चालक पदार्थ द्वारा किया जाता हैं | विधुत चालक पदार्थो का प्रतिरोध बहुत ही कम होता हैं तथा इनकी चालकता बहुत अधिक होती हैं |
चालक के एटम के बहरी कक्षा में मुक्त इलेक्ट्रान होते हैं जिनके एक जगह से दूसरी जगह तक बहने से विधुत धारा बहती हैं |
चालक को इसके आकार के आधार पर तीन भागो में गया हैं
1. ठोस चालक (Solid conductor)- सोना, चांदी, तांबा तथा एल्युमीनियम |2. तरल चालक (Liquid conductor)- पारा, सल्फ्युरिक एसिड, अमोनियम क्लोराइड तथा कॉपर सलफेट |
3. गैसीय चालक (Gaseous conductor)- नियोन, हीलियम, ऑर्गन आदि |
एक अच्छे चालक में निम्न विशेषताये होनी चाहिए
1. इनकी कंडक्टिविटी (चालकता) बहुत अधिक होनी चाहिए तथा इनकी रेसिस्टिविटी (प्रतिरोधकता) कम होनी चाहिए |2. एक अच्छा चालक एक पतले तार में खींचने योग्य होने चाहिए ताकि इसे पतले तार के रूप में खींचा जा सके | तथा ये पतली चादर के रूप में बनाये जाने के योग्य होनी चाहिए |
ये यांत्रिक (mechanically) रूप से मजबूत होनी चाहिए |
4. चालक पदार्थ नरम होने चाहिए ताकि इसने आसानी से मोड़ा जा सके |
2. तांबा (copper)- तांबा विधुत का बहुत ही अच्छा चालक माना जाता हैं | इसकी चालकता लगभग 90% होती हैं | इसका इस्तेमाल बिजली की तारे, वाइंडिंग की तारे इत्यादि बनाने के लिए किया जाता हैं |
3. एल्युमीनियम (Aluminium)- यह धातु भी विधुत की बहुत अच्छी चालक होती हैं | इसकी चालकता लगभग 70% होती हैं | यह वजन में काफी हलकी होती हैं | आजकल इसका उपयोग तांबे की जगह तार बनाने में किया जाने लगा हैं |
इसका इस्तेमाल अंडरग्राउंड केबल, ट्रांसफार्मर वाइंडिंग इत्यादि में किया जाता हैं |
4. पीतल(Brass)- पीतल दो धातुओं को मिलाकर बनाया जाता हैं जिसमे ताम्बा लगभग 67% तथा जिंक लगभग 33% होता हैं | इस धातु में जंग नहीं लगता हैं |
5. लोहा (Iron) - लोहे की चालकता तांबे के मुकाबले 9 गुना काम होती हैं | लोहे से चादर तथा तार बनाये जा सकते हैं | इसकी कीमत भी कम होती हैं |
6. नाइक्रोम (Nichrome)- इसका मेल्टिंग पॉइंट बहुत ज्यादा होता हैं | यह दो धातुओं से मिलकर बनायीं जाती हैं इसमें 80% निकिल तथा 20% क्रोमियम होता हैं | इसकी प्रतिरोधकता भी बहुत ज्यादा होती हैं |
7. यूरेका (Eureka), GI wire, टिन (Tin), सीसा (Lead), टंगस्टन (Tungsten), पारा (Mercury) आदि धातुएं भी चालक के रूप में काम आती हैं |
4. चालक पदार्थ नरम होने चाहिए ताकि इसने आसानी से मोड़ा जा सके |
सामान्य इस्तेमाल में आने वाले चालक
1. चांदी (silver)- यह बिजली का अच्छा चालक माना जाता हैं | इसकी चालकता लगभग 98% होती हैं | इसकी कीमत अधिक होने के कारण इसे चालक पदार्थ के रूप में कम काम में नहीं लिया जाता हैं |2. तांबा (copper)- तांबा विधुत का बहुत ही अच्छा चालक माना जाता हैं | इसकी चालकता लगभग 90% होती हैं | इसका इस्तेमाल बिजली की तारे, वाइंडिंग की तारे इत्यादि बनाने के लिए किया जाता हैं |
3. एल्युमीनियम (Aluminium)- यह धातु भी विधुत की बहुत अच्छी चालक होती हैं | इसकी चालकता लगभग 70% होती हैं | यह वजन में काफी हलकी होती हैं | आजकल इसका उपयोग तांबे की जगह तार बनाने में किया जाने लगा हैं |
इसका इस्तेमाल अंडरग्राउंड केबल, ट्रांसफार्मर वाइंडिंग इत्यादि में किया जाता हैं |
4. पीतल(Brass)- पीतल दो धातुओं को मिलाकर बनाया जाता हैं जिसमे ताम्बा लगभग 67% तथा जिंक लगभग 33% होता हैं | इस धातु में जंग नहीं लगता हैं |
5. लोहा (Iron) - लोहे की चालकता तांबे के मुकाबले 9 गुना काम होती हैं | लोहे से चादर तथा तार बनाये जा सकते हैं | इसकी कीमत भी कम होती हैं |
6. नाइक्रोम (Nichrome)- इसका मेल्टिंग पॉइंट बहुत ज्यादा होता हैं | यह दो धातुओं से मिलकर बनायीं जाती हैं इसमें 80% निकिल तथा 20% क्रोमियम होता हैं | इसकी प्रतिरोधकता भी बहुत ज्यादा होती हैं |
7. यूरेका (Eureka), GI wire, टिन (Tin), सीसा (Lead), टंगस्टन (Tungsten), पारा (Mercury) आदि धातुएं भी चालक के रूप में काम आती हैं |
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