TOWNES VIEW | FRONTO OCCIPITAL THIRTY DEGRRE CAUDAL
यह व्यू Half axial या Fronto-occipital 30° caudal भी कहलाता है | इसमें skull का AP view angle के साथ लिया जाता है | इसमें स्कल फ्रैक्चर तथा नेओप्लास्टिक चैंजेस देखने के लिए किया जाता हैं | इस व्यू में स्फेनोइड बोन की सेला टर्सीका, फोरामैन मैग्नम में प्रोजेक्ट होती हैं |
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TOWEN'S PROJECTION |
Position of patient-
पेशेंट को एक्सरे टेबल पर सुपाइन सुलाते हैं | इमेज रिसेप्टर को पेशेंट के सर के निचे रखते हैं | पेशेंट को इस तरह एडजस्ट करते है की पेशेंट का मीडियन सेजायटल प्लेन कैसेट के मिडलाइन के ऊपर तथा कैसेट से 90° पर हो | ओर्बिटो मिटीयल बेस लाइन कैसेट से 90° पर रखते हैं |
Centring of x-ray beam-
कॉलिमटेड हॉरिजॉन्टल एक्सरे बीम को ओर्बिटो मिटीयल बेस लाइन से 30° कॉडली एंगल दिया जाता हैं | आँखों को रेडिएशन से बचाने के लिए एक्सरे फील्ड के मार्जिन को सुपीरियर ऑर्बिटल मार्जिन के लेवल पर रखा जाता हैं | लेटरल साइड में स्किन मार्जिन को एक्सरे में इन्क्लूड किया जाता हैं | एक्सरे कैसेट के ऊपरी भाग को इस तरह से रखा जाता है की एक्सरे फिल्म से बीम के कॉडल एंगल से बॉटम पार्ट दूर ना प्रोजेक्ट हो जाये | |
TOWENS PROJECTION POSITIONING |
Image characteristics-
स्फेनोइड बोन की सेला टर्सीका, फोरामैन मैग्नम में प्रोजेक्ट होती हैं | इमेज में ऑक्सिपिटल बोन, पेरायटल बोन का पोस्टीरियर पार्ट तथा लैम्बडोइड सुचर क्लियर दिखाई देती है |Radiological consideration-
इस प्रोजेक्शन में फोरामैन मैग्नम एक दम साफ दिखाई देना चाहिए | इस प्रोजेक्शन में जाइगोमा अच्छी तरह दिखाई देता है तथा इसमें कोई फ्रैक्चर फेसिअल इंजरी को बताता है |
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