Skull FRONTO OCCIPITAL VIEW
Skull FRONTO OCCIPITAL VIEW
Fronto occipital (FO) projection वो ही एनाटोमी प्रदर्शित करता है जो occipito frontal orojection प्रदर्शित करता है | इस परिस्थिति में ऑर्बिट तथा फ्रंटल बोन आवर्धित (magnified ) नजर आती है क्योकि अब वो कैसेट से दूर स्थित होती है |
यह प्रोजेक्शन तभी किया जाता है जब पेशेंट प्रोन पोजीशन में नहीं लेट पता है | इस प्रोजेक्शन से ओर्बिट्स को रेडिएशन डोज़ अधिक मिलता है तथा एंटीरियर स्कल स्ट्रक्टर की कुछ रेसोलुशन भी बढ़ी हुई object to receptor distance के कारण कम हो जाती h.
Collimated horizontal x ray beam को cassette के परपेंडिकुलर तथा median sagittal plane के पैरेलल रखते है |
Collimated x ray field में superiorly vertex तथा inferiorly, base of occipital bone तथा लेटरल स्कल मार्जिन आने चाहिए |
एंगल के बाद भी एक्सरे बीम का सेंटर कैसेट के सेंटर पर रखा जाता है |
इमेज रिसेप्टर को सुपीरियर डायरेक्शन में बढ़ा दिया जाता है ताकि आवश्यक एनाटोमी रेडिओग्राफ में शामिल हो सके |
Position of Patient and Image Receptor
इस प्रोजक्शन में पेशेंट को एक्सरे टेबल पर supine सुलाते है | स्कल का पोस्टीरियर आस्पेक्ट को कैसेट या इमेज रिसेप्टर पर रखते है |
इस परिस्थिति में पेशेंट के हेड को इस तरह एडजस्ट करते है की पेशेंट का median sagittal plane कैसेट या इमेज रिसेप्टर के लंबवत (perpendicular) हो तथा कैसेट की मिडलाइन के सम्पाती (coincident ) हो |
पेशेंट की गर्दन को इस तरह से flex करते है की orbito-meatal baseline कैसेट के लंबवत हो जाये |
फ्रंटल बोन के बीच के भाग को कैसेट के सेंटर में रखते है |
इस परिस्थिति में पेशेंट के हेड को इस तरह एडजस्ट करते है की पेशेंट का median sagittal plane कैसेट या इमेज रिसेप्टर के लंबवत (perpendicular) हो तथा कैसेट की मिडलाइन के सम्पाती (coincident ) हो |
पेशेंट की गर्दन को इस तरह से flex करते है की orbito-meatal baseline कैसेट के लंबवत हो जाये |
फ्रंटल बोन के बीच के भाग को कैसेट के सेंटर में रखते है |
Direction and Location of Xray Beam
FO
इस प्रोजेक्शन में सभी एंगल cranially दिए जाते है |Collimated horizontal x ray beam को cassette के परपेंडिकुलर तथा median sagittal plane के पैरेलल रखते है |
Collimated x ray field में superiorly vertex तथा inferiorly, base of occipital bone तथा लेटरल स्कल मार्जिन आने चाहिए |
FO10°↑, FO15°↑, FO20°↑
Cranial angulation के अलावा सभी तरह से यह तकनीक FO view समान है | यह एंगल तकनीक पर निर्भर करता है | जैसे FO10°↑ में 10° cranial angle दिया जाता है |एंगल के बाद भी एक्सरे बीम का सेंटर कैसेट के सेंटर पर रखा जाता है |
इमेज रिसेप्टर को सुपीरियर डायरेक्शन में बढ़ा दिया जाता है ताकि आवश्यक एनाटोमी रेडिओग्राफ में शामिल हो सके |
Essential image characteristics
इमेज में सभी क्रेनियल बोन शामिल होनी चाहिए |
यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए की स्कल में किसी तरह का रोटेशन ना हो |
बीम एंगल का पता petrous ridge की ऑर्बिट में पोजीशन के आधार पर लगाया जा सकता है |
यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए की स्कल में किसी तरह का रोटेशन ना हो |
बीम एंगल का पता petrous ridge की ऑर्बिट में पोजीशन के आधार पर लगाया जा सकता है |
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